कलरव
नीरवता, निःशब्द, जड़ता, स्तब्धता एवं तटस्थता के बीच कलरव................ताकि गति बनी रहे।
Wednesday, January 5, 2011
पाँच
स्याह कारनामों के कारखाने खुले हैं।
कालिख में रहकर भी वे दूध के धुले हैं।
देखो भाई उनसे कोई क्वेश्चन न करना
जानते नहीं! वे क्षीरसागर से निकले हैं।।
Tuesday, January 4, 2011
चार
फोटो, साभार-गूगल
कहा तक्षक ने, जनमेजय से,
क्यों व्यर्थ पड़े हो मेरे पीछे,
हम तो व्यर्थ ही बदनाम हैं।
चित्रगुप्त की लिस्ट में,
मुझसे पहले भी कई नाम हैं॥
Sunday, January 2, 2011
तीन
वे
करते
रहे
वादा
उन्हें
होता
रहा
फायदा
।
पूरे
साल
गढ़ते
रहे
नया
-
नया
कायदा।
।
Saturday, January 1, 2011
दो
रटते र
हे
सु
शासन
कहाँ गया
अनु
शासन
?
हर तरफ द्रौपदी
हर तर
फ
दुःशासन॥
एक
मंगलमय नववर्ष
बधाई सहर्ष।
तुम टकराओ जाम
वे करें संघर्ष॥
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