नीरवता, निःशब्द, जड़ता, स्तब्धता एवं तटस्थता के बीच कलरव................ताकि गति बनी रहे।
सम्मलेन से जेबों की हरियाली बढ़ रही है ....अच्छा व्यंग
सटीक...............
बहुत ही शानदार..
बहुत बहुत बढ़िया ...बधाई !
सम्मलेन से जेबों की हरियाली बढ़ रही है ....अच्छा व्यंग
ReplyDeleteसटीक...............
ReplyDeleteबहुत ही शानदार..
ReplyDeleteबहुत बहुत बढ़िया ...बधाई !
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