कलरव
नीरवता, निःशब्द, जड़ता, स्तब्धता एवं तटस्थता के बीच कलरव................ताकि गति बनी रहे।
Tuesday, June 28, 2011
दस
नेताजी ने आश्वासन दिया-
हम भ्रष्टाचार को जड़ से मिटा देगें।
जनता बोली ठीक है नेताजी,
जनाजे की तैयारी करवाइये
हम भी आपकी अर्थी में कन्धा लगा देगें॥
Sunday, February 20, 2011
नौ
Friday, February 18, 2011
आठ
सात
Thursday, February 17, 2011
छः
धधक रही जिस उर में ज्वाला
उसको खूब धधकने दो।
परिवर्तन की बात जो करता
उसको मन भर बकने दो॥
टकराते हैं हम नित प्याला
मदिरा खूब छलकने दो।
राजनीति की बात है भाई
रुको, रोटियाँ सिंकने दो॥
Wednesday, January 5, 2011
पाँच
स्याह कारनामों के कारखाने खुले हैं।
कालिख में रहकर भी वे दूध के धुले हैं।
देखो भाई उनसे कोई क्वेश्चन न करना
जानते नहीं! वे क्षीरसागर से निकले हैं।।
Tuesday, January 4, 2011
चार
फोटो, साभार-गूगल
कहा तक्षक ने, जनमेजय से,
क्यों व्यर्थ पड़े हो मेरे पीछे,
हम तो व्यर्थ ही बदनाम हैं।
चित्रगुप्त की लिस्ट में,
मुझसे पहले भी कई नाम हैं॥
Sunday, January 2, 2011
तीन
वे
करते
रहे
वादा
उन्हें
होता
रहा
फायदा
।
पूरे
साल
गढ़ते
रहे
नया
-
नया
कायदा।
।
Saturday, January 1, 2011
दो
रटते र
हे
सु
शासन
कहाँ गया
अनु
शासन
?
हर तरफ द्रौपदी
हर तर
फ
दुःशासन॥
एक
मंगलमय नववर्ष
बधाई सहर्ष।
तुम टकराओ जाम
वे करें संघर्ष॥
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