नीरवता, निःशब्द, जड़ता, स्तब्धता एवं तटस्थता के बीच कलरव................ताकि गति बनी रहे।
राजनीति की बात है भाईरुको, रोटियाँ सिंकने दो॥वर्तमान सन्दर्भ में आपकी कविता सटीक है
राजनीति पर करारा व्यंग्यचुटकियाँ नहींये खिड़कियाँ लगती हैंजिनसे सबकी पोल खुलती हैभ्रष्ट नेताओं की.........
राजनीति की बात है भाईरुको, रोटियाँ सिंकने दो॥
बंधुवर मुकेश जी सस्नेहाभिवादन ! आपकी ताज़ा पोस्ट खुलते हुए बहुत लोड ले रही है … प्रस्तुत कविता लय ताल में है … बधाई ! राजनीति की बात है भाई अगली विजिट में आपकी बाकी पोस्ट भी देखूंगा …प्रणय दिवस सप्ताह भर पहले था तो क्या हुआ … बसंत ॠतु तो अभी बहुत शेष है । मंगलकामना का अवसर क्यों चूकें ?♥ प्रणय दिवस की मंगलकामनाएं !♥♥ प्यारो न्यारो ये बसंत है !♥ बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ! - राजेन्द्र स्वर्णकार
राजनीति की बात है भाई
ReplyDeleteरुको, रोटियाँ सिंकने दो॥
वर्तमान सन्दर्भ में आपकी कविता सटीक है
राजनीति पर करारा व्यंग्य
ReplyDeleteचुटकियाँ नहीं
ये खिड़कियाँ लगती हैं
जिनसे सबकी पोल खुलती है
भ्रष्ट नेताओं की.........
राजनीति की बात है भाई
ReplyDeleteरुको, रोटियाँ सिंकने दो॥
बंधुवर मुकेश जी
ReplyDeleteसस्नेहाभिवादन !
आपकी ताज़ा पोस्ट खुलते हुए बहुत लोड ले रही है …
प्रस्तुत कविता लय ताल में है … बधाई !
राजनीति की बात है भाई
अगली विजिट में आपकी बाकी पोस्ट भी देखूंगा …
प्रणय दिवस सप्ताह भर पहले था तो क्या हुआ … बसंत ॠतु तो अभी बहुत शेष है ।
मंगलकामना का अवसर क्यों चूकें ?
♥ प्रणय दिवस की मंगलकामनाएं !♥
♥ प्यारो न्यारो ये बसंत है !♥
बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार